T 2558 – माँ का आशीर्वाद हम सब पे बना रहे ; यही प्रार्थना है ; यही इच्छा है ; यही विनम्र निवेदन है ।।

T 2558 – माँ का आशीर्वाद हम सब पे बना रहे ; यही प्रार्थना है ; यही इच्छा है ; यही विनम्र निवेदन है ।।
T 2544 –
हम सब के अंदर एक अनकहा, अनजाना शक्ति का भंडार होता है , जो तब बहार आता है, जब ज़िन्दगी हमारा इम्तेहान लेती है
T 2541 -” नफ़रत का, ख़ुद का अपना कोई वज़ूद नहीं होता है।
यह तो मोहब्बत की ग़ैर मौजूदगी का नतीजा है।”~ef sanjay
T 2540 –
उस समस्या का समाधान कभी हो नहीं सकता , जब तक हम उस मनःस्थिति से उसके बारे में सोचते रहेंगे , जिस मनःस्थिति से हमने उसे बनाया था ..
T 2536 –
ये जन समूह , स्नेह सागर ये ; भावनाओं का सैलाब है ये
कृतज्ञ हूँ मैं , आभारी हूँ ;
अच्छे कर्मों का फल हूँ मैं , क्यूँ ?
T 2534 -आलोचना का स्वागत करना चाहिए ।। वरना कैसे पता चलेगा की हमारी बात लोगों तक पहुँची की नहीं ।।🌺
T 2520 – जीत का डंका जब बजता है ; तो अनेक अनचाहे प्रश्नों का उत्तर अपने आप मिल जाता है ।। कोसते रहो ! विजय इस परदे के पार है ।।
T 2513 – http://youtu.be/JoX-QppO55c राष्ट्रगान 🇮🇳 , देश का गौरव … और
मेरा सौभाग्य । इतने सारे ‘दिव्यांग’ के बीच , एक ‘विकलांग’ – मैं
T 2504 –
कोई मेरा बुरा करे वो कर्म उसका।
मैं किसी का बुरा न करू यह धर्म मेरा। 🙏🌹🌺🌷
T 2493 – रात्रि के भोजन के बाद , जो सौंफ खाने का मज़ा होता है , वो कुछ और ही होता है ।। ना जाने क्यूँ पेट कभी भरता ही नहीं उससे ।।
T 2493 – रात्रि के भोजन के बाद , जो सौंफ खाने का मज़ा होता है , वो कुछ और ही होता है ।। ना जाने क्यूँ पेट कभी भारत ही नहीं उससे ।।
T 2461 -W
कहने का तात्पर्य ये है की , की डर तो तब लगना चाहिए जब हम हमेशा सफल होते रहेंगे
T 2458 –
सुन्दर शब्दों का उपयोग, हमेशा सच्चाई व्यक्त नहीं करते , सच्चाई नहीं दर्शाते …. और सत्य वचन , सदा सुंदर नहीं लगते … !!
~ ab
T 2447 –
वृद्धावस्ता का सफर व्यर्थ हो जाता है , अगर वो हमें प्रौढ़ता, परिपक्वता, सिद्धि, सम्पूर्णता और शांति के पथ से वंचित करे …. ~
T 2439 – देश का हर गाँव हो खुले में शौच से मुक्त, देखना कैसे हो जाएंगी बीमारियां लुप्त! #DarwazaBand @SwachhBharat… https://twitter.com/i/web/status/869104079099883520
T 2415 -” We are the first victim of our own anger. “~
अपने गुस्से का सबसे पहला शिकार हम ही होते हैं
T 2503 -” इस गर्मी का आलम बस …
इतना समझ ले ग़ालिब….
कपडे धोते ही सूख जाते है ।
और पहनते ही गीले हो जाते है ।।… https://twitter.com/i/web/status/856013736493973505
T 2433 – An observation form my Ef : “नदी का पानी मीठा होता है क्योंकि वो देती रहती है। सागर का पानी खारा (cont) http://tl.gd/n_1spkain
(RSS generated with FetchRss)
T 2491 -पिछले कुछ दिन , नव वर्ष का स्वागत करने के लिए , हमने ऋषिकेश स्थित ‘आनंदा ‘ में बिताये … सूंदर शांत (cont) http://tl.gd/n_1spgb0o
T 2447 – Babuji की एक कविता की पंक्ति है : ” मिटटी का तन , मस्ती का मन , क्षण भर जीवन, मेरा परिचय ” ~ हरिवंश (cont) http://tl.gd/n_1spads8
T 2391 -अपनी ज़िन्दगी से किसी को काट देने का मतलब ये नहीं हुआ कि हम उससे घृणा करते हैं, उसका मतलब ये हुआ की हम, अपनी इज़्ज़त करते हैं
T 2334 -संसार रूपी वृक्ष का यह फल दो रसोंवाला है ।
काव्यामृत के स्वाद मे सज्जनों का सहयोग ।। pic.twitter.com/g1yPreuOSG
T 2333 –
कवि तो कहते हैं कि सज्जनों का मन मख्खन की तरह कोमल होता है ।
मगर औरों की पीडा देखकर सज्जन पिघलते है, मख्खन नहीं पिघलता ।।
@SrBachchan Sir & Jaya Ma’am..! लुटे कोई मन का नगर बनके मेरा साथी..! @manharudhas @mangeshkarlata #43YearsOfAbhimaanpic.twitter.com/pH8wY7vy5b
T 2324 हमें कुछ करने का अधिकार मिलता है, एक .. वो अधिकार सही है या नहीं, दूसरा …. दोनों अंतर जानना, उचित – अनुचित का विचार , कहलाता है