T 3126 – फिर रंग बरस रहा होली में,
भीगत जात चुनरिया वाली।
अवध में नाच रहे रघुवीरा,
ब्रज में ग्वाल-बाल दें ताली।।
आप भी छोड़ो घर का आँगन,
हाथ में रंग भरी पिचकारी।
गुजिया भाँग को सेवन करि के,
नाचो गाओ संग नर-नारी।।
होली की अनेक शुभकामनाएँ
T 3126 – फिर रंग बरस रहा होली में,
भीगत जात चुनरिया वाली।
अवध में नाच रहे रघुवीरा,
ब्रज में ग्वाल-बाल दें ताली।।
आप भी छोड़ो घर का आँगन,
हाथ में रंग भरी पिचकारी।
गुजिया भाँग को सेवन करि के,
नाचो गाओ संग नर-नारी।।
होली की अनेक शुभकामनाएँ