From BigBEfamily.com Our Humble Tribute to Mr. Amitabh Bachchan

T 2945 –
कांड हो गया , विचार चाहते हो तुम हमसे ;
क्यूँ ? अपने विचार देने में कष्ट हो रहा तुमसे
ढक लेते हो अपने को जिल्द भरी चादर से तुम
पुस्तकी पन्नो को कब तक छुपा के रक्खो गे तुम !!!?????

“समझने वाले समझ गए हैं जो ना समझे वो —- —-“