T 4262 –
‘ख़ूबी और ख़ामी, दोनों होती है इंसान में, जो तराशता है उसे ख़ूबी नज़र आती है, और जो तलाशता है उसे ख़ामी नज़र आती है’ ~
T 4262 –
‘ख़ूबी और ख़ामी, दोनों होती है इंसान में, जो तराशता है उसे ख़ूबी नज़र आती है, और जो तलाशता है उसे ख़ामी नज़र आती है’ ~