T 4119 –
“क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी क्या करूँ
मैं दुखी जब जब हुआ ,संवेदना तुमने दिखाई,
मैं कृतज्ञ हुआ हमेशा, रीति दोनों ने निभाई
किंतु इस आभार का अब हो उठा है बोझ भारी,
क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी क्या करूँ ।।
~ हरिवंश राय बच्चन
T 4119 –
“क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी क्या करूँ
मैं दुखी जब जब हुआ ,संवेदना तुमने दिखाई,
मैं कृतज्ञ हुआ हमेशा, रीति दोनों ने निभाई
किंतु इस आभार का अब हो उठा है बोझ भारी,
क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी क्या करूँ ।।
~ हरिवंश राय बच्चन