T 4116 – ये एक बहुत सुन्दर श्लोक प्रस्तुत है –
अष्टादश पुराणेषु व्यासस्य वचनद्वयम् ।
परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम् ॥
अर्थात्-
महर्षि वेदव्यास ने 18 पुराणों का निचोड़ कुल दो ही बातों में रखा-
1 – दूसरों का भला करना पुण्य है
2 – दूसरों को अपनी वजह से दुःखी करना ही पाप है।