T 4113 – “अनवरत समय की चक्की चलती जाती है
जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला , कुछ देर कहीं पर बैठ कभी ये सोच सकूँ ,
जो किया , कहा , माना उसमें क्या बुरा-भला ।”
~ हरिवंश राय बच्चन
T 4113 – “अनवरत समय की चक्की चलती जाती है
जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला , कुछ देर कहीं पर बैठ कभी ये सोच सकूँ ,
जो किया , कहा , माना उसमें क्या बुरा-भला ।”
~ हरिवंश राय बच्चन